Friday 11 January 2013

यौनांगों को लेकर अजब-गजब मान्यताएं

यौनांगों को लेकर अजब-गजब मान्यताएं

भारतीय लोकजीवन में भांति-भांति की मान्यताएं और लोककथाएं प्रचलित हैं, जिनमें से कुछ कल्पनाओं पर आधारित होती हैं, जबकि कुछ वास्तविक अथवा उसके करीब होती हैं। डॉ. वेरियर एल्विन ने अपनी पुस्तक ‘मिथ्स ऑफ मिडिल इंडिया’ में मानव अंगों को लेकर विभिन्न वनवासी जातियों की मान्यताओं का उल्लेख किया है। मध्यप्रदेश के संस्कृति विभाग ने भी एल्विन की पुस्तक के अंशों को एक किताब में प्रकाशित किया है।यह हम सभी जानते हैं कि भारत में शिवलिंग के रूप में असल में ‘लिंग’ पूजा ही की जाती है। वैसे भी यौनांग हमेशा से ही व्यक्ति की कल्पना का केन्द्र रहे हैं। लिंग को लेकर तरह-तरह की भ्रांतियां, कल्पनाएं, मान्यताएं प्राचीन काल से ही समाज में व्याप्त हैं। इनका आकार-प्रकार हमेशा से ही जिज्ञासा का विषय रहा है।
 
लिंग से जंगल की सफाई
यदि वर्तमान संदर्भ में देखें तो यह कल्पना की पराकाष्ठा है, लेकिन ऐसी मान्यता है कि पुराने समय में बैगा जनजाति में लोगों का लिंग हाथी की सूंड के समान होता था और उसका उपयोग जंगल की साफ-सफाई के लिए किया जाता था।

आखिर लिंग छोटा कैसे हो गया? इस संबंध में मान्यता है कि चूंकि सरकार ने बैगाओं की झूम खेती पर रोक लगा दी अत: लिंग सिकुड़कर छोटा हो गया।
इतना लंबा लिंग कि….
 
गडाबा आदिवासियों की लिंग के बारे में एक अलग ही कहानी है। इस समुदाय में मान्यता है कि पुराने जमाने में लिंग इतना लंबा होता कि लोग उसे कमर में लपेटकर रखते थे। अधिक लंबाई के कारण वह महिलाओं को जल्द ही थका डालता था और वे वयस्क होने पर जल्दी ही मर जाती थीं।

एक औरत के मरने के बाद एक व्यक्ति नई पत्नी ले आया। एक दिन जब वह खूब शराब पीकर आया, उस समय उसकी पत्नी चाकू से आम काट रही थी। वह उसी जगह उसके साथ शारीरिक संबंध बनाना चाहता था। चूंकि उस समय उसका बेटा वहीं बैठा था अत: उसकी इस बात से स्त्री नाराज हो गई और उसने चाकू से आदमी के लिंग को काट दिया। ऐसा माना जाता है कि तभी से लिंग सामान्य लंबाई में आ गया।

क्या ऐसा भी होता है? माथे पर ‍‍लिंग, छाती पर योनि, पढ़े अगले पन्ने पर…
माथे पर ‍‍लिंग, छाती पर योनि
सुनकर ही आश्चर्य होता है कि किसी व्यक्ति के माथे पर लिंग हो सकता है और वह भी तीन हाथ का। …लेकिन मंडला के गोंड आदिवासियों में जो कहानी प्रचलित है उसके अनुसार पुराने जमाने में आदमी के माथे पर लिंग होता था और वह भी तीन हाथ का। वह हाथी की सूंड की तरह लटका रहता था। इसी तरह औरतों को योनि भी छाती के बीचोबीच हुआ करती थी।


भैरोंपाल नामक व्यक्ति एक बार किसी गांव में शादी में गया। वहां पर उसने अपनी सूंड से कुछ लड़कियों का पीछा किया। इससे एक औरत को गुस्सा आ गया और उसने चाकू से भैरोंपाल के लिंग को काट दिया। वह मुश्किल से चार अंगुल का हिस्सा ही बचा पाया।
माथे पर यह हिस्सा अच्छा नहीं लग रहा था। दुखी होकर वह महादेव के पास पहुंचा और उसे किसी अन्य स्थान पर लगाने की विनती की। तब महादेव ने उसे जांघों के बीच लगा दिया।

आदमी को लगा मुर्गे का लिंग
 
गंजाम के लांझिया सेओरा समुदाय की मान्यता कुछ अलग ही है। इस कहानी के अनुसार कोर्नजा सेओरा और उसकी पत्नी दोनों ही बूढ़े थे। उनके पास एक लड़की और एक मुर्गा-मुर्गी थे। घर की हालत ठीक रखने के उद्देश्य से वे किन्नरसिंह नाम के लड़के को दमाद बनाने के लिए ले आए।

किन्नर और मुर्गे में जल्द ही दोस्ती हो गई। उस जमाने में मुर्गे का लिंग बड़ा होता था जबकि आदमी का छोटा।


 एक शाम पास के गांव में लड़के वाद्य यंत्रों के साथ नाचने के लिए इकट्‍ठे हुए। इसी बीच किन्नरसिंह ने संभोग की संभावना को ध्यान को रखकर मुर्गे से अपना लिंग बदल लिया। नाच शुरू हुआ तो दूसरे दिन दोपहर चढ़ने तक चलता रहा। सूरज की रोशनी में मुर्गे का लिंग किन्नरसिंह के शरीर से और किन्नरसिंह का लिंग मुर्गे से चिपक गया। उसी दिन से मुर्गे का लिंग छोटा हो गया।

 

इस वजह से बेड पर फेल हो जाते हैं पुरुष!

इस वजह से बेड पर फेल हो जाते हैं पुरुष!

सुनने में भले ही आपको शर्मनाक लगे, लेकिन कुछ समय पूर्व हुए सर्वेक्षण में सामने आया है कि भारतीय पुरुषों के प्राइवेट पार्ट का साइज दुनिया के अन्य देशों की तुलना में बहुत छोटा है।इसी वजह से कई पुरुष अपनी महिला पार्टनर को वो संतुष्टि प्रदान नहीं कर पाते, जिसकी उन्हें चाहत होती है।हो सकता है कि इसे पढ़ने के बाद कई महिलाओं को निराशा महसूस हो, क्योंकि यहीं एक कारण है कि पुरुष सेक्स के दौरान संतुष्ट प्रदान नहीं कर सकते।हालांकि, आकार की बात को लेकर इस सर्वे ने नई बहस को जन्म दे दिया है। सत्य यह है कि पुरुष के प्राइवेट पार्ट का साइज महिलाओं के लिए मायने रखता है।

हाल ही में हुए रिसर्च के अनुसार, कई महिलाओं ने पाया कि पुरुषों का प्राइवेट पार्ट का साइज बड़ा होता है तो ऐसे में महिला पार्टनर चरमोत्कर्ष तक संतुष्टि महसूस करती है। खासकर उन महिलाओं की तुलना में जिनके पार्टनर का साइज छोटा था यानी लगभग 4 इंच।इससे एक बात तो साफ हो गई है कि कुछ महिलाओं को साइज का मामला प्रभावित करता है, भले ही कुछ को न करें।

 उल्लेखनीय है कि दुनिया के और भारत के भी कई सेक्सॉलाजिस्ट मानते हैं कि स्त्रियों की संतुष्टि के लिए साइज कोई विशेष मायने नहीं रखता। विश्व प्रसिद्ध यौन मनोवैज्ञानिक हैवलॉक एलिस ने अपनी पुस्तक 'द सायकिलॉजी ऑफ सेक्स' में लिखा है कि सेक्स के दौरान स्त्रियों के उत्तेजना स्थल भगांकुर (क्लाइटोरिस) पर घर्षण से ही ऑर्गज्म हो जाता है। पुरुष जननांग की साइज से स्त्रियों की काम संतुष्टि का कोई संबंध नहीं है।  प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक और लेखक डॉक्टर सुधीर कक्कड़ ने भी यह मत व्यक्त किया है।

लगभग सभी आधुनिक चिकित्सा वैज्ञानिक भी यही मानकर चलते हैं। साइज को लेकर पुरुषों में बहुत ही भ्रम की स्थिति बनी हुई है। अक्सर पुरुष इसे लेकर विशेष रूप से चिंता ग्रस्त रहते हैं, जिसका बुरा प्रभाव उनके परफॉर्मेस पर पड़ता है। इसका फायदा नीम-हकीम खूब उठाते हैं। इसी भ्रम को लेकर शक्ति वर्धक दवाओं और तेलों का दुनियाभर में बाजार फैला है।भारतीय पुरुषों का औसत साइज 4 इंच बताया गया है।

 
आगे दी गई लिस्ट के मुताबिक 7.1 इंच के औसत साइज के साथ कांगो सबसे ऊपर है। कोरिया और कंबोडिया 3.9 इंच के साथ सबसे नीचे है। भारत इन्हीं दो देशों से ऊपर है।

कांगो रिपब्लिक: 7.1 इंच
इक्वोडोर: 7 इंच
घाना: 6.8 इंच
कोलम्बिया: 6.7 इंच
आइसलैंड: 6.5 इंच
इटली: 6.2 इंच
साउथ अफ्रीका: 6 इंच
स्वीडन: 5.9 इंच


ग्रीस: 5.8
जर्मनी: 5.7
न्यूजीलैंड: 5.5
ब्रिटेन: 5.5
कनाडा: 5.5
स्पेन: 5.5
फ्रांस: 5.3
ऑस्ट्रेलिया: 5.2
रूस: 5.2
यूएसए: 5.1
आयरलैंड: 5 इंच
रोमानिया: 5 इंच
चीन: 4.3
इंडिया: 4
थाईलैंड: 4
दक्षिण कोरिया: 3.8
उत्तर कोरिया: 3.8

Wednesday 9 January 2013

सदा बनाए रखें प्‍यार में नयापन...

सदा बनाए रखें प्‍यार में नयापन...

ज्‍यादातर जोड़े प्‍यार के उन हसीन पलों का मजा बिस्‍तर पर ही लेना पसंद करते हैं लेकिन कभी आपने उन हसीन पलों का मजा सोफे पर लिया है? 

नहीं ना? तो देर किस बात की है, इस बार लेकर देखिए. इस के लिए अपने साथी को सोफे पर लिटाकर उनके पीछे लेट जाएं. इस दौरान उन्‍हें बहुत ही प्‍यार से अपनी तरफ खींचें. साथी को इस बात का अहसास कराएं कि आप उनको प्‍यार करने के लिए बेताब हैं और उन्‍हें बेहतर आनंद की अनुभूति कराने जा रहे हैं. संभोग के समय जब आप अपने चरम पर हों तो कुछ ऐसा करें जो आपके साथी की कामोत्तेजना को और बढ़ा दे और सेक्‍स के बाद भी उन्‍हें वो याद रहे. 
 संभोग के दौरान आप अपने आप को किसी और चीज में ना उलझाएं. अपने पार्टनर के साथ बिल्‍कुल डूबकर प्‍यार के उन खूबसूरत पलों का मजा लें. उन्‍हें एसास दिलाएं कि प्‍यार के उन हसीन पलों में खोने को आप तैयार हैं और पूरी तरह से उनके लिए समर्पित हैं. अगर आप चाहते हैं कि आप और आपका साथी देर तक प्‍यार का आनंद लें तो प्‍यार करते समय किसी तरह की जल्‍दी में ना रहें. उत्तेजना में जल्‍दी निष्क्रिय होने से बचें.
 धीरे-धीरे प्‍यार करें और अपने साथी के साथ इसे महसूस करें. हमेशा एक ही तरह से संभोग का आनंद लेते रहने से आपकी साथी इसके अहसास को महसूस नहीं कर पाती, इसलिए साथी को कुछ नया अहसास दिलाने के लिए संभोग के दौरान कुछ ना कुछ नया जरूर आजमाते रहें. 
 यकीन मानिए ये नाए तरीके आपको और आपके साथी दोनों को ही और अधिक उत्तेजित कर देंगे और इसके बाद उन हसीन पलों का आप पहले से ज्‍यादा मजा ले पाएंगे. 

Tuesday 8 January 2013

पुरुषों के 10 सेक्स सीक्रेट्स

पुरुषों के 10 सेक्स सीक्रेट्स

आपको लगता है कि आपको सब कुछ पता हैं, लेकिन जब बात पुरुषों से जुड़े सेक्स सीक्रेट्स की आती है तो फिर आपको ये सब पढ़ने की जरूरत है।

1. स्पर्म -सभी स्पर्म गर्भधारण करने के लिए नहीं दौड़ते, बल्कि एक ही शुक्राणु गर्भधारण को अंजाम देता है। बाकी स्पर्म  अस्थायी रूप से जम जाते है या फिर थक्का बनकर रह जाते हैं और महिला प्रजनन तंत्र में तैरते रहते हैं। आपको पता होना चाहिए कि बेबी कंसीव करने के लिए एक स्पर्म बहुत होता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, ये थक्के इस बात का संकेत होते हैं कि इनमें से एक शक्राणु अंडे तक पहुंच चुका हो

2. पुरुषों को भी प्रभावित करता है ऑक्सीटोसिन: 
यह माना जाता है कि ऑक्सीटोसिन सेक्स के दौरान महिलाओं को प्रभावित करता है, लेकिन यह हार्मोन सेक्स के दौरान दोनों लिंगों से जारी होता है। ऐसा पाया गया है कि यह पुरुषों को भी प्रभावित करता है। स्विट्जरलैंड में हुए एक रिसर्च में पाया गया कि ऑक्सीटोसिन पुरुषों में विश्वास की वृद्धि की भावनाओं के साथ जुड़ा होता है।
 3. उच्च टेस्टोस्टेरोन और कम सेक्स:
सेक्स हॉरमोन टेस्टोस्टेरोन का उच्च स्तर आम तौर पर पुरुषों के लिए एक अच्छी बात मानी जाती है, जब बात उनकीसेक्स ड्राइव से जुड़ी हो।  शोधकर्ताओं ने लगातार पाया कि उच्च टेस्टोस्टेरोन से विवाह अपनमानजनक लगता है और तलाक की मामले बढ़ जाते है। वास्तव में, शादीशुदा पुरुष एकल पुरुषों की तुलना में अधिक एक्शन में दिखते है।

4.  सेक्स के दौरान मौत:
यह एक अजीब ही बात है, लेकिन ऐसा होता है। 1975 में हुए एक रिसर्च से यह पता चला कि आमतौर पर सेक्स करते हुए वैसे लोगों की अचानक मृत्यु हो जाती है जो काफी शराब और गरिष्ठ भोजन लिए होते हैं। पहले यह माना जाता था कि दिल के मरीजों की सेक्स के दौरान मौत होने का खतरा रहता है। 1989 में हुए एक रिसर्च से स्पष्ट हुआ कि वैसे लोगों की मौत की अधिक आशंका होती है जो पराई औरतों के साथ संबंध बनाते हैं। 

 कुछ ऐसी बीमारियां हैं जिनसे पीड़ित लोगों की भी सेक्स के दौरान मृत्यु की आशंका रहती है। उदाहरण के लिए लिवर से संबंधित बीमारियां। लिवर डिजीज से ग्रस्त लोगों को डॉक्टर सेक्स नहीं करने की सलाह देते है।

 5. पुरुष चाहते हैं (किंकी) सेक्स।
एक रिसर्च में यह पाया गया है कि बीस में से एक पुरुष अपनी महिला पार्टनर से इस तरह सेक्स की चाहत रखते हैं जिसे सामाजिक स्वीकृति प्राप्त नहीं होती। ऐसे पुरुषों को असामान्य व्यवहार में विशेष आनंद मिलता है। ये किंकी टाइप सेक्स पसंद करते हैं। उदाहरण के लिए खुली छत पर सेक्स, रेस्त्रां, सिनेमा हॉल आदि के बाथरूम में सेक्स। इससे इन्हें फर्क नहीं पड़ता कि कोई इन्हें सेक्स करते हुए देख रहा है।


6. आर्गज्म नहीं होने से पुरुषों में हो सकता है कैंसर।

7. आप अपनी साइज के बारे में अंगुलियों से बता सकते है।

8. औरतों से जल्दी पुरुष पड़ते हैं प्यार में..।


9. फैमिली टेस्टोस्टेरोन को प्रभावित करती है।

10. आपका खान-पान परफार्मेस पर डालता है असर।

 

वक्त से पहले जवान होने लगी हैं भारतीय लड़कियां

वक्त से पहले जवान होने लगी हैं भारतीय लड़कियां


अब भारतीय लड़कियां 10 साल की उम्र में ही जवानी की दहलीज पर पहुंच जा रही हैं। उनके अंदर फिजिकल, हार्मोनल और सेक्शुअल बदलाव अब 2 साल पहले हो जा रहा है। पहले 12-13 साल की उम्र में लड़कियां बड़ी होती थीं। यह ट्रेंड सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में देखा जा रहा है।

एक स्टडी के मुताबिक, खाने-पीने और लाइफ स्टाइल में हो रहे बदलाव के चलते लड़कियों का यौवन वक्त से पहले आ जा रहा है। इस बदलाव से जोखिम बढ़ गया है।
 स्टडी को अंजाम देने वाले प्रफेसर सुसान और जॉर्ज पैटन कहते हैं, 'स्टडी से यह पता चला है कि तरुणाई का पहले आ जाना एक अहम शारीरिक घटना है। इसका हेल्थ पर खतरनाक असर हो सकता है। इससे भविष्य में मेंटल डिसऑर्डर जैसी गंभीर बीमारियां पैदा हो सकती हैं।'

 बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. राजीव छाबड़ा भी इस स्टडी के नतीजों से सहमत हैं। उन्होंने कहा, 'समय से पहले भारतीय लड़कियों में यौवन का विकास एक आम बात हो गई है। लाइफ स्टाइल और खाने-पीने की आदतों में आए बदलाव ने इसे बढ़ावा दिया है। 

पहले हम माता-पिता को सलाह देते थे कि वह 13 साल की उम्र में लड़कियों से एमसी के बारे में बात करें और उन्हें सही सलाह दें। लेकिन अब हम उन्हें 10 साल पर इस तरह की सलाह देने को कहते हैं।'
 


Sunday 6 January 2013

सेक्स के दौरान औरत के ब्रेस्ट को छूने के तरीके

सेक्स के दौरान औरत के ब्रेस्ट को छूने के तरीके

विभिन्न औरतों के ब्रेस्ट का आकार-प्रकार अलग-अलग होता है। साथ ही,उन ब्रेस्टों के अपने-अपने गुण-दोष होते हैं। जिसका जैसा ब्रेस्ट हो, उसको छूने के तरीके के बारे में ये पता लगा हैः-

बड़े ब्रेस्ट- वियना विश्वविद्यालय में हुए रिसर्च से पता चला है कि बड़े ब्रेस्ट, छोटे के अपेक्षा 24 प्रतिशत कम संवेदनशील होते हैं। इसका कारण है कि सेंसेशन वाली नसें ऐसे ब्रेस्ट में छितर जाती हैं। ऐसे ब्रेस्ट के बाहरी किनारे पर जीभ या ऊंगली से गोल-गोल फिराना चाहिए। प्रयोग के तौर पर ऐसे ब्रेस्ट को दांत से हल्के-हल्के काटा भी जा सकता है।

छोटे ब्रेस्ट- छोटे ब्रेस्ट काफी संवेदनशील होते हैं। इस ब्रेस्ट को हथेली के नीचे धीरे-धीरे मसलना चाहिए।
झूले हुए ब्रेस्ट- इस तरह के ब्रेस्ट भी कम सेंसेटिव होते हैं। साथ ही, यह अपने भार के कारण झूलते रहते हैं। औरत को पीठ के बल लिटाना चाहिए ताकि ब्रेस्ट झूल ना सके और सीने पर ठहर सके। उसके बाद उसे छुएं।
सर्जरी से बढ़ाए गए ब्रेस्ट- इस तरह के ब्रेस्ट के अंदर ट्रांसप्लांटेड मैटेरियल रहता है इसलिए ऐसे ब्रेस्ट के निप्पल के आस-पास जीभ फिराना चाहिए।
बच्चा जन चुकी औरत के ब्रेस्ट- उसके ब्रेस्ट के निप्पल काफी नर्म होते हैं इसलिए उसे सहलाने के साथ उसे चूसा जाय तो औरत को बहुत आनंद आता है।

बड़े ब्रेस्ट का बड़ा खतरा

बड़े ब्रेस्ट का बड़ा खतरा

जिन महिलाओं का ब्रेस्ट बड़ा होता है, उन्हें ब्रेस्ट कैंसर होने की आशंका उतनी ही ज्यादा होती है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक इस्ट्रोजन की ब्रेस्ट के आकार में भूमिका होती है, यही कैंसर के कारण भी हो सकता है। अमेरिका के वैज्ञानिकों ने लंबे शोध के बाद कहा है कि इस्ट्रोजन ही ब्रेस्ट को सुड़ोल और बड़ा साइज देता है।. यही ट्यूमर भी पैदा करता है।
वैज्ञानिक निकोलस इरिकसन ने कहा है कि पहली बार ब्रेस्ट के आकार और कैंसर का रिश्ता सामने आया है। हालांकि उनका मानना है कि अभी इसमें और शोध की जरुरत है। यूं तो ब्रेस्ट कैंसर किसी भी उम्र भी हो सकता है, लेकिन खासतौर पर 40 साल की उम्र के बाद इसका खतरा ज्यादा रहता है। ऐसे में साल में एक बार चेकअप करवाना जरूरी है। – ब्रेस्ट कैंसर की एक वजह आनुवंशिक भी होती है।
अगर आपकी मम्मी को यह प्रॉब्लम रही है, तो इस मामले में आपको पूरी तरह सतर्क रहने की जरूरत है। ऐसे में आपको 40 साल से पहले से ही इसका परीक्षणकरवाना शुरू कर देना चाहिए। छाती में किसी भी तरह की गांठ को हल्के तौर पर न लें और तुरंत डॉक्टर से ब्रेस्ट कैंसर का चेकअप करवाएं। एक्सरे से स्तन कैंसर का पता शुरुआती स्टेज में ही लगाया जा सकता है।
इस जांच से यह भी पता चल जाता है कि कैंसर ब्रेस्ट के किस हिस्से में है। अगर आपको ब्रेस्ट हार्ड महसूस हो रहा हो और सूजन की वजह से आप असहज महसूस कर रही हों, अगर आपको डॉक्टर की तरफ से ब्रेस्ट चेंज करने को कह दिया गया है, तो डॉक्टर के कहे मुताबिक ही स्टेप बाई स्टे प टेस्ट करवाते रहें। साथ ही, दवाइयां भी समय के मुताबिक लेना न भूलें। हमें ध्यान देने की जरुरत है विज्ञान ने काफी तरक्की कर ली है। अब कोई भी रोग उतना खतरनाक नहीं है जितना पहले था।
ब्रेस्ट के बड़े आकार और कैंसर के रिश्ते के बाद अब छोटे ब्रेस्ट वाली महिलाओं को शर्माने की जरुरत नहीं है। अब वे आत्मविश्वास से जिंदा रह सकती है। छोटा है तो क्या सुरक्षित तो हैं।

 

sunday special- sexercise

sunday special- sexercise